रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा से पहले होगी गौरी-गणेश की पूजा
रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा से पहले होगी गौरी-गणेश की पूजा, जानें किस समय बन रहा कौन सा संयोग सनातन धर्म में हर शुभ कार्य करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है. इससे कार्य में सिद्धि प्राप्त होती है. रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा से पहले गौरी-गणेश की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाएगी. इसके बाद प्राण प्रतिष्ठा की विधिवत् पूजा शुरू होगी.
अयोध्या के नए राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होने जा रही है और 16 जनवरी को प्रायश्चित पूजा के साथ रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की पूजा का विधान शुरू हो चुका है और विशेष पूजा के साथ 17 जनवरी को भगवान श्रीराम की मूर्ति का मंदिर परिसर में प्रवेश कराया जाएगा. इसके बाद प्राण प्रतिष्ठा की पूजा विधि शुरू होगी. इसमें सबसे पहले माता गौरी और भगवान गणेश का पूजन होगा. पंचांग के अनुसार, हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी मनाई जाती है. पौष यानी जनवरी महीने में 18 तारीख को दुर्गाष्टमी है. इसी दिन पांच दिवसीय अनुष्ठान के तहत मां गौरी और भगवान गणेश की पूजा की जाएगी.
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि अष्टमी तिथि 18 जनवरी को है. इसी दिन से भगवान गणेश और मां गौरी की विधिपूर्वक पूजा की जाएगी. इसके बाद रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए तीर्थ पूजन, जल यात्रा, जलाधिवास और गंधाधिवास कराया जाएगा. अयोध्या में गौरी-गणेश पूजन के लिए दुर्लभ सिद्ध योग समेत 5 अद्भुत संयोग बन रहे हैं. इन योग में मां गौरी संग भगवान गणेश की पूजा करने से कई गुना फल प्राप्त होगा.
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय – सुबह 07 बजकर 15 मिनट पर होगा.
सूर्यास्त – शाम 05 बजकर 48 मिनट पर होगा.
चन्द्रोदय- सुबह 11 बजकर 53 मिनट पर होगा.
चंद्रास्त- देर रात 01 बजकर 19 मिनट पर होगा.
पंचांग के मुताबिक मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 05 बजकर 27 मिनट से 06 बजकर 21 मिनट तक रहेगा.
विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 17 मिनट से 02 बजकर 59 मिनट तक रहेगा.
गोधूलि मुहूर्त – शाम 05 बजकर 46 मिनट से 06 बजकर 19 मिनट तक रहेगा.
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12 बजकर 04 मिनट से 12 बजकर 58 मिनट तक रहेगा.
इन योगों में होगी पूजा
ज्योतिषियों के मुताबिक, गौरी-गणेश पूजन के दिन यानी 18 जनवरी को सिद्ध योग बन रहा है. इस योग में ही भगवान गणेश और मां गौरी का पूजन विधि-विधान से किया जाएगा. यह दुर्लभ सिद्ध योग दोपहर 02:48 बजे तक है. इसके बाद साध्य योग बन रहा है. फिर सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है. इस योग का निर्माण सुबह 07:15 बजे से लेकर देर रात 02:58 बजे तक है. इसी योग के दौरान भगवान गणेश और मां गौरी की पूजा की जाएगी.
शुभ करण एवं भद्रावास योग
गणेश अंबिका पूजन पर बव और बालव दोनों करण का भी निर्माण हो रहा है. बव करण का निर्माण 08:44 बजे तक है. इस दिन भद्रा प्रातः काल 09:22 बजे तक स्वर्ग में रहेंगी. इन योग में जगत जननी माता गौरी और भगवान गणेश की पूजा की जाएगी. इस समय पूजा करने से कई गुना फल प्राप्त होगा.