हरतालिका तीज का व्रत हर साल भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है. माना जाता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए ये व्रत रखा था.
हिंदू धर्म में हरतालिका तीज का त्योहार बेहद खास माना जाता है.
वैसे तो साल भर में तीन बार तीज का त्योहार मनाया जाता है लेकिन इनमें हरतालिका तीज का खास महत्व है. तीनों तीजों में हरतालिका तीज का व्रत सबसे कठिन माना जाता है जिसमें महिलाएं 24 घंटे निर्जल व्रत रखती है. व्रत रखने के साथ-साथ इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है. हरतालिका तीज का व्रत करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर में सुख समृद्धि आती है. सुहागिनों के साथ-साथ कुंवारी कन्याएं हरतालिका तीज का व्रत रखती है जिससे उन्हें भी सुयोग्य वर प्राप्त हो.
कई शुभ संयोग
पंचांग के अनुसार हरतालिका तीज के दिन इंद्र योग और रवि योग बन रहा है. इसके अलावा चित्रा और स्वाती नक्षत्र का संयोग भी बन रहा है. स्वाति नक्षत्र में पूजा बेहद शुभ मानी जाती है, प्रदोषकाल में पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06:23 बजे से शुरू होगा. वहीं प्रात: काल में पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 07 मिनट से सुबह 8 बजकर 34 मिनट तक का रहेगा.
पूजा विधि
हरतालिका तीज का व्रत प्रदोष काल में किया जाता है. प्रदोष काल में स्नान कर साफ कपड़े पहनें. इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती और गणेश जी की मिट्टी से मूर्ति बनाएं और उनका श्रृंगार कर उनकी पूजा करें. सबसे पहले पूजा भगवान गणेश की करें. इसके बाद माता पार्वती को सुहाग की पिटारी अर्पित करें और भगवान शिव को धोती अर्पित करें. इसके बाद श्रंगार किसी पंडिताइन और धोती पंडित को दें. इसके बाद व्रत कथा सुनें और आरती करें. सबसे पहले भगवान गणेश की आरती करें. इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें. इसके बाद पूरी रात जागरण करें और सुबह माता पार्वती को सिंदूर चढ़ाएं. इसके बाद ककड़ी हलवे का भोग लगाकर ककड़ी से ही व्रत खोलें.
The fast of Hartalika Teej comes in every year on the Tritiya Tithi of Shukla Paksha of Bhadrapada month.
It is believed that Mother Parvati had observed this fast to get Lord Shiva as her husband. The festival of Hartalika Teej is considered very special in Hindu religion. Although the festival of Teej is celebrated three times in a year, but Hartalika Teej has special significance among them. Among the three Teejs, the fast of Hartalika Teej is considered to be the most difficult in which women keep fast without water for 24 hours. Along with observing fast, Lord Shiva and Mother Parvati are worshiped on this day.
Why Hartalika Teej Celeberate.. Watch this Video
By observing the fast of Hartalika Teej, women get the blessings of unbroken good fortune and happiness and prosperity comes to the house. Along with married women, unmarried girls observe the fast of Hartalika Teej so that they too get a suitable groom.
Many Lucky Coincidences
According to the Panchang, Indra Yoga and Ravi Yoga are being formed on the day of Hartalika Teej. Apart from this, there is also a conjunction of Chitra and Swati Nakshatra. Puja in Swati Nakshatra is considered very auspicious, the auspicious time of puja in Pradoshkaal will start from 06:23 pm. The auspicious time for worship in the morning will be from 06:07 am to 8:34 am.
Method of Worship
Hartalika Teej fast is observed during Pradosh period. Take bath and wear clean clothes during Pradosh period. After this, make idols of Lord Shiva, Mother Parvati and Lord Ganesha from clay, decorate them and worship them. First of all worship Lord Ganesha. After this, offer a box of honey to Mother Parvati and offer dhoti to Lord Shiva. After this give the adornment and dhoti to a Pandit. After this, listen to the fast story and perform aarti. First of all perform Aarti of Lord Ganesha. After this, perform aarti of Lord Shiva and Mother Parvati. After this, keep vigil throughout the night and offer vermilion to Goddess Parvati in the morning. After this, break the fast by offering cucumber halwa.